6 केहतु गप्पा हमेशा दाह ए सेहमरिङ गमेकी शुहबी जूंस, केतिंङ हर इच्च़ा मीहबी केनातु विशवासो थल्जी ठीक-ठीक जबाब रंड्री अपि जूंस।
केरे दिह संसारो मीहतु थल्जी छ़ाऊ ठ्रोह शुई; पर अगर छ़ाऊ स्वाद अच़ा इलि सईता, दंङ दुह अंऊ चीज़ा रंङ साते छ़कू लहज़ी दंङ दुह छोउला कमो माह शुहबी, सिर्फ दिऊ थल्जी शुहबी कि धह्तेका छङें मीहतु कोन्ज़ो पोयंङ ककट्रीमी थल्जी।
छ़ाए बगतो स्वाद रुठे लेहई, अगर छ़ाऊ स्वाद अच़ा इलि सईता, दंङ दुह छना छ़कू लहज़ी? केन्दु व्यवहार ला छ़ाऊ ठ्रोह शुबि जूंस, दंङ केन्दु बिचंङ रुठे रंङ बंङज़ोंई।”
दंङ भत्तेज़ि दोबि शाबाशी रेंई, दंङ अंऊला मोह्ड़े दाह गप्पा दोऊ आहच़ि हुंच़ाते, दोतंङ साते हेरान शुहचे इलिर; दंङ कुट्री लेहतिर, “छि दीह यूसुफो योह माह शुहआ?”
अंऊ ला झखंजी गप्पा केहतु आहच़ि हुंच़ी मेस, पर दू गप्पारे कुंई अंऊ मीहतु थल्जी ज़रूरी तोह, अंऊ कि दोतिंङ विशवास रिंङ पक्का लहज़िमी थल्जी मदत लोहतो। दू मुक्का छिल्ला केहच़ी कुंई दू केहतु रेड्रा दोतु थल्जी रूठे शोतो।
मसीहू बचन रे केनातु सेहमरिंङ महसे बसेकपि रांई, दंङ सिद्ध ज्ञाना रंङ साते इदि अईदि बि सिखाएतुंई दंङ सलाह रांई, दंङ केनातु सेहमरिंङ धन्यवाद रंङ साते परमेश्वरो थल्जी भजन ए स्तुतिगान दंङ आत्मिक गीत कुंई।
बल्कि मसीह बि केनातु सेहमरिंङ प्रभु चेहके दोऊ अराधना लंहि, अगर अच़िया दू उम्मीदो पाहठी रूहक्पोतो ता अंऊ विशवासी शुहबी रंङ साते हेनर भत्तेरे सांझा लहज़ातंई, दंङ हमेशा दोबि समझाएच़िमी थल्जी तेयार बंङज़ुंई, पर दि नम्रता ए आदरा रंङ साते लंहि।