1 हे मालिका रे केनातु-केनातु परगर तंङ साते फेंसला ए दंङ इच्च़ा ठ्रोह व्यवहार साते लंहि, दि समझेके कि स्वर्गारिंङ ला केहतु इच्च़ा मालिक तोह।
दंङ दोतंङ कुहतो, केरे ला दाखो बगीचारिंङ ईलांई, दंङ छि शोतो केतिंङ रमोग। दंङ दोरे ला कम लहज़िमी थल्जी इलिरे।
“अपेहल दुह साहुकार राजपद खोकसा यह्च़ा अति, दोपहल दोई एनोह परगरातिंङ बुलाक्ति अतिंङ दोई ज़ङों सिक्कारे रांहषी तहरे, ताकि दोई दोतु दोरच़ी लेन देनो पता लोहतो, कि दोच़ी छि-छि कमाएकातोर।
छना कुचे अच़ि दया माह लहरी, दोऊ फेंसला दाह मेह शोतो; पर अरिला ऊईतु टोहकठे दया लोहतो, दंङ परमेश्वर ला दोऊ टोहकठे दया लोहतो अपेहल दोई न्याय लोहतो।
खंई, अंऊ मज़दूरा ज़ि केहतु रिहऊ फसल वलज़ातेर, दोतु दुह मज़दूरी अंऊ केहच़ी धोखा रिंङ केनातु कछंङ तहसी तातंई, दोरे मज़दूर केहतु खिलाप परमेश्वरो तुईज़ी हाऊष रंड्री लेह्की तोतोर, दंङ फसल ट्रिकट्रा तु क्रपि सेनाओ प्रभु ज़ि थाक्शे चरच़तो।
दोरे कुरच़ो खिलाप लड़ेपोर, पर कुरच़ा दोतिंङ यहरच़े च़रपोतो, छना कुचे दुह प्रभु तु प्रभु ए रज्ज़ा तु रज्ज़ा शुह। कुरच़े एनोह बुलासी दोरे, अंङषी दोरे दंङ विशवासो जोगे साथी तंङ दोतु टोईच़ी द्रक्शे योतो।
दंङ दोऊ चोगा ए पुष्टू टोईच़ी दि मिन च़ेहसी तोह: “रज्ज़ा तु रज्ज़ा ए प्रभु तु प्रभु।”