दि गप्पा हेले तोह, अंऊ गेह हेंतेग-हेंतेग कंङातेग दंङ गेह जुंज़ातग कि कांह विशवासी तिंङ दि गप्पातु पाहठी पक्का रंङ साते सिखातु। झांह लेह कि अच़ि परमेश्वरो टोहकठे विशवास लहरिर, दोरे रूठे कमो थल्जी एनोह टेम रंड्रीमी थल्जी ध्यान रांई दि भत्ते तु थल्जी दि गप्पा रूठे ए फायदेमंद तोह।