2 केतिंङ दुह मीहु दि कुकमो वहज़ा ज़ि दुखी शुहबी जुंशी तोहई। झांह ठ्रोह मीहबी केनातु बिचंङ ज़ि हुंच़ि च़रच़ी जुंशी तोह। पर दिऊ बहज़ा केहच़ी दिऊ टोईच़ी घमण्ड लहज़ातंई।
केहतु बिचंङ रेह मीहरे सोचेक्च़ातोर कि गेह केतंङ साते दोई माहग, दंङ दिऊ थल्जी दोरे घमण्डी शुहचे इलजी तोतोर।
अंऊ मीहरे विशवासी माह तोर दोतु न्याय परमेश्वरे लहज़ा: पर छना पवित्र शास्त्रारिंङ च़ेहसी तोह, “दू कुकर्मी बि केनातु संगति बिचंङ ज़ि हुंच़ी च़रतुंई।”
दंङ गिह्बी दिला बेह्द तोह, कि झांह शुहबी मेस, कि गेह अंज़े छना जुंज़ातग, ध्वांए केतिंङ माह खोकपोग; दंङ गिह्बी ला छना केहच़ी माह जुन्ज़ातंई ध्वांए खोकपोंई, दंङ गिह्बी दि ला बेह्द तोह कि केहतु बिचंङ झगड़ा, जलन, रोहष, विरोध, चुगली, घमण्ड ए बखेड़ा लहज़िमी ठ्रोह स्वाभाव खोकपोग।
दंङ झांह शुहबी मेस कि अपेहल गेह वापिस अपोग, गिऊ परमेश्वरे गिऊ अपमान लोहतो। दंङ गिह्बी महसे तु थल्जी यह्च़ा शोक लेह लेह्पोतो, अंऊ दोच़ी तुहई पाप लहरिर, दंङ दू झखंजी कमो, दंङ कुकम, ए लुचपन बि, अंऊ दोच़ी लहरिर, सेहम माह किरच़िर।