2 ऊ अथाहा कुण्ड खोल्लकै, आर उटा कुण्डसे बडका आगिनके भट्टीके जुगुर धुवाँ निकल्लै आर कुण्डके धुवाँसे सुरुज आर वायुमण्डलके झाँपी देल्कै।
उप्पर आकाशमे हमे शक्ति आर निच्चा धर्तीमे चिन्हसब देखैबै, आर खून, आगिन, आर धुवाँके रास दिखाई पड्तै।
आगिनसे निक्लेवाला धुवाँ जे ओकरासिके सताबैछै उटा सभे दिनके लिए आकाशमहर जैतै। दिन-रात ओकरसिके सतैल जाना बन्द नैहैछै, कहिनेकी ऊसब जंगली जानवरके आर ओकर मूर्तिके पूजा कैल्कै आर ऊसब उटा जंगली जानवरके नामके छाप लेल्कै।”
पाँचवा स्वर्गदूत बाटीमे भेल चीजके उटा जंगली जानवरके सिंहासनमे उझली देल्कै आर नतिजा स्वरुप ओकर पुरा राज्य अनहार भ्यागेलै। आदमीसब आपन जिभा दाँतसे काटे लाग्लै कहिनेकी ऊसब भयानक दरदके महसुस कैल्कै।
चौथा स्वर्गदूत आपन धुतहुक फुकल्कै आर सुरुजके एक तिहाइ भागपर आर चानके एक तिहाइ भागपर आर ताराके एक तिहाइ भागपर प्रहार भेलै आर नतिजा स्वरुप दिनके एक तिहाइ समयतक सुरुज चमक नैदेल्कै, चान आर तारा रातके एक तिहाइ समयतक नैचम्कलै।
तब पाँचवा स्वर्गदूत आपन धुतहुक फुकल्कै आर हमे एकटा ताराके आकाशसे धर्तीमे खस्ल देख्लियै। एकरा उटा चाभी देल गेलै, जे उटा अथाहा कुण्डके खोले सकैछै जकर गहराईके कोनो अन्त नैछै।
एकटा राजा छै जे ओकरासिके काबुमे राखैछै। यी उहे दूत छै जे अथाहा कुण्डके खोल्लकै रहे। हिब्रू भाषामे ओकर नाम “एबाड्डोन” छै आर यूनानी भाषामे “अपोल्लियन” छै जकर मतलब छै, ऊ जे नाश करैछै।
उटा घोडासब आर घोडसवारसब जकरा हमे दर्शनमे देख्लियै ऊसब एरं दिखाई देते रहै: ओकरसिके छातीके रक्षा करेवाला कवच आगिनके जुगुर लाल, गहरा नीला आर गन्धकके जुगुर हर्दिहा रंगके रहै। घोडासिके मुडा शेरसिके मुडाके जुगुर लाग्ते रहै। ओकरसिके मुखसे आगिन, धुवाँ आर गन्धक निकल्ते रहै।