अगर ऊ ओकरोसिके बात भी सुनैले इन्कार करैछै ते, मण्डलीके क। ऊ आदमी मण्डलीके भी बात सुनैले इन्कार करैछै ते, ओकरसंगे ओहिने व्यवहार कर जेरं तुहें कोनो गैर-यहूदी आदमी या कर उठाबेवाला आदमीसंगे करैछैं।
इहे ल्याके हमे तोरासिके यी बातसब लिखैछियौ, एकरासे पहेला कि हमे तोरसिकेलगत आबियौ ताकी तोरासिके सजाय द्याके हमरा आपन अधिकार प्रयोग करैके जरुरत नैपडै जे प्रभु हमरा देल्कै छे। कहिनेकी हमे आपन अधिकारके प्रयोग तोरसिके विश्वासके मजगुत बनाबैके लिए करैले चाहैछियै नै कि नाश करैके लिए।
जे बात हमे तोरा सिखैलियौ छे ऊ बात विश्वासीसिके घुरी-घुरी सिखा। आर प्रभुके समनामे कडा आज्ञा दहैं कि ऊसब बेकारके शब्दसिके विषयमे बहस नैकरै, जे भलाइ नैकरैछै, मगर यी सुनेवाला आदमीसिके हानी पहुँचाबैछै।
कि तुहेंसब उटा उत्साहजनक वचनसब भूली गेल्हैं छे जे बात परमेश्वर आपन बाल-बच्चाके रुपमे तोरासिके कहैल्कौ रहे, “हे हमर बेटा, जब प्रभु तोरा देखाबैछौ कि तुहें गलत छैं ते, उटा बात पर पुरा ध्यान दहैं, आर जब ऊ तोरा अनुशासित करैछौ ते हार नै मानीले।