8 अन्तमे, हमे तोरासिके यी कहैले चाहैछियौ कि एकतामे र, एक दोसरके लिए वास्ता कर, एक्के परिवारके सदस्यसिके जुगुर एक दोसरके प्रेम कर। एक दोसरके प्रति दयालु बन आर एक दोसरसे नम्र बन।
विश्वास करेवालासिके समूह सभेको एक मन, एक आत्माके भेलै रहे, आर ओकरसिमेसे कोय भी आपन धन-दौलतके कोनो चीज यी हमर छै कहिके नैकहै, मगर ओकरसिके सभे चीज साझा रहै।
आर अगर आपनसिके एकटा भी अंग बेमार हैछै ते पुरा शरीर दरदमे हैछै आर ओहिने करिके अगर आपनसिके शरीरके कोनो एकटा अंगके बढियाँसे देखभाल कैल जैछै, ते पुरा शरीर खुश हैछै।
ओहिने करिके हे जवानसब मण्डलीके अगुवासिके अधिनमे बैठ। तुहेंसब सभेको नम्रताके साथ एक दोसरके सहयोग करे पडैछै। कहिनेकी धरमशास्त्रमे लिख्ल छै, “परमेश्वर घमण्डीसिके विरोध करैछै, मगर नम्र आदमीसिके अनुग्रह करैछै।”
तोरासिके नैते खाली एरं तरिकासे जिना चाही जे परमेश्वरके खुश करैछै, बल्की तोरासिके एक दोसरके आपन खुदके परिवारके सदस्यसिके जुगुर प्रेम करना चाही। तोरासिके खाली एक दोसरके ही आपन परिवारके सदस्यसिके जुगुर प्रेम नैकरना चाही मगर तोरासिके सभे आदमीसिके प्रेम करना चाही।