प्रकाशितवाक्य 8:13 - कुल्वी13 ज़ैबै मैं फिरी हेरू ता सर्गै रै बिच़ा न एक इलणी उड़दी होर ऐण्ढी बोलदी शुणी कि, “तिन्हां त्रा स्वर्गदूतै री तुरही रै शब्दै री बजहा न ज़ौसरा फुकर न हाज़ी बाकि सा, धौरती न रौहणु आल़ै पैंधै हाय! हाय! हाय!” Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान13 ज़ांऊं मंऐं भी भाल़अ ता सरगा मांझ़ै एक मुक्षरलअ डैऊंदअ और सह शूणअ मंऐं ज़ोरै-ज़ोरै बोलदअ, “तिन्नां चिई स्वर्ग दूता ज़हा अज़ी नाद बाज़णीं आसा रही दी, तेता करै एछणी पृथूई दी रहणैं आल़ै लै खरी! खरी! खरी!” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम13 तेबा मांई भी हेरू, तेबा सरग मेझा का एक उकाब पंछी उडदअ हेरु होर ज़ोरे संघे एता बोलदअ, शूणु की जोह चीई स्वर्गदूत जोह तुहरी फुकरी, होर एव्र फुकरी जोह रही जोह धरती रे रहण आले पेन्दे हाय, हाय, हाय। Faic an caibideil |