प्रकाशितवाक्य 21:9 - कुल्वी9 ज़ुणी सौत स्वर्गदूता हागै आखरी विपदै रै सौत कटोरै भौरुऐदै ती तिन्हां न एक मूँ हागै आऊ होर मूँ सैंघै गैला केरिया बोलू, “ओरु एज़; मूँ तौभै मेमणै री लाड़ी रिहाणी।” Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान9 तेखअ ज़हा स्वर्ग दूता का तिंयां साता खरी करै भरी दी सात लोहदी आसा ती, तिन्नां मांझ़ै बोलअ एकी ज़ण्हैं मुंह सेटा लै एछी करै, “ओर्ही एछ, मुंह रहैऊंणीं ताखा सह बेटल़ी मतलब ज़ुंण मिम्मूंए लाल़ी आसा हणैं आल़ी।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम9 तेहुकी जेबा सात स्वर्गदूता सेटा जोह सात लास्ट मुशिकला रे जोह सात कटोरे थी, त्याह में का एक महा सेटा आऊओ होर माये संघे गला करी करे बोलू ओरी ईछ हांऊ, ताह दुल्हन मतलब मेमने री लाडी रिहाऊलुआ। Faic an caibideil |