प्रकाशितवाक्य 21:6 - कुल्वी6 फिरी तेइयै मुँभै बोलू, “ऐ गैला पूरी हुई सी। हांऊँ अल्फा होर ओमेगा, शुरू होर आखरी सा। मूँ शोखुऐदै बै ज़िन्दगी रै पाणी रै सोतै न मुफ्ती न प्याणा। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान6 तेखअ बोलअ तेऊ मुल्है इहअ, “सोभै गल्ला गई पूरी हई, आदी और अंत आप्पै। ज़ुंण बी नचिशअ होए मुंह दैणअ तैहा सोबल़ा का मुफ्त झुटणा लै ज़ुंण सदा रहणैं आल़ी ज़िन्दगी दैआ। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम6 तेऊकी तेऊ महा बे बोलू, एबा होई मुका। हाऊं अल्फा होर ओमेगा, आदि होर अंत हाऊंए साहा। महा शोखे बे जीबना रे पाणी रे कुए मे का सेंत-मेंत पलाऊणा। Faic an caibideil |
अगर मसीह रै सेवक सही शिक्षा सिखा सी ज़ो परमेश्वरै तिन्हां बै धिनी सा ता ते ऐण्ढा घौर बनाणु आल़ै सांही सी ज़ुणिरी री मनियाद सुना, च़ाँदी होर कीमती पात्थर ज़ैण्ढी शोभली किस्मा री चीज़ा रै ज़रियै बणाईया सा। पर अगर ते झ़ूठी शिक्षा देआ सी ता ते ऐण्ढै घौर बनाणु आल़ै सांही सी ज़ुणिरी मनियाद गाह, लकड़ी भूज़ा सांही खराब किस्मा चीज़ा रै ज़रियै बणाईया सा।