प्रकाशितवाक्य 20:3 - कुल्वी3 होर सौ नरक कुण्डा न बन्द केरू होर तेई पैंधै मोहर लाई कि सौ हज़ार बौर्षा पूरै होंणै तैंईंयैं ज़ाति-ज़ाति रै लोका बै नी भरमाला। ऐथा बाद ऐ ज़रूरी सा कि सौ थोड़ी देरै री तैंईंयैं भी खोलिला। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 संघा किअ सह नथहऐ कूंडा दी पाई करै बंद। तेथ दी लाई मोहर कि सह किअ हज़ार साला पूरै हणैं तैणीं बंद ताकि ज़ाती-ज़ातीए लोगा तेभै तैणीं भी कबाता नां पल़े, तेखअ आसा अह ज़रूरी कि थोल़ी घल़ी खोल्हणअ अह भी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम3 होर तेऊ अथाअ कुंडा में पाई करे बंद करु, होर तेऊमें मोहर लाई करे त्याह हज़ार बर्षा रे पुरे हुणे री तणी जाति-जाति रे लोका भिआक नांई भरमाए। एता बाद जरुरी साहा कि थोड़ी देरी वै सह बागे छाड़ण। Faic an caibideil |