प्रकाशितवाक्य 19:5 - कुल्वी5 होर सिंहासना न एक शब्द निकता कि, हे आसरै परमेश्वरा न डौरनू आल़ै होछ़ै बड़ै सैभी दासो, तुसै सैभियै तेइरी स्तुति केरा। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 तेखअ शूणअ कुंण बोलदअ और सह ज़ाण्हिंआं त राज़गादी का बोलदअ, (भज़न 135:1) “हे म्हारै परमेशरा का सोभी डरनै आल़ै टैहलूओ, कै होछ़ै, कै बडै, तम्हैं सोभै करा परमेशरे ज़ै-ज़ैकार।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 होर तेबा सिंहासना पेन्दे कअ एक शब्द निक्दअ, हमारे परमेश्वरा का डरने आले नोकरे, कैह होच्छ कैह बड़अ; तमे सभी तेऊरी स्तुति करा। Faic an caibideil |
होर मैं मूँऐंदै लोका हेरै ज़ो खास होर आम लोका ती, तेई सिंहासना सामनै खड़ै ती। ज़ो लोका समुन्द्रा न डूबिया मूँऐं ती, ते भी ज़ो कब्रा न पौड़ै ती, ज़ेतरै लोका मूँऐंदै री ज़ैगा न ती ते सैभ तेई सिंहासना सामनै खड़ै हुऐ। सौ कताब ज़ुणिन तिन्हां लोकै रै नाँ लिखै ती ज़ौसा हागै ज़िन्दगी ती ज़ुणिरा कोई अंत नी ती खोलुई। ज़ौस कताबा न लिखू ती की लोकै कि केरू सौ भी खोलुई, हर एकी रा तिन्हरै कोम रै मुताबक न्याय केरू ज़ो कताबा न लिखुआँदा ती।