प्रकाशितवाक्य 17:5 - कुल्वी5 होर तेसरै मौथै पैंधै ऐ नाँ लिखू ती, “भेद बड़ा बैबीलोन धौरती री वेश्या, होर घृणित च़ीज़ै री आमा।” Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 तेसे माथै त इहअ नांअ लिखअ द, (प्रगट की दी गल्ला 19:2) “भेद, बडी बाबेल नगरी और पृथूईए सारी कंज़री बेटल़ीए और च़िल़्हखरी च़िज़े आम्मां।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 होर तेसके माथे में यह ना लिखुदा थी, भेद बड़ा-बाबेला री धरती री बैश्या ओर बुरी चिजा री माता। Faic an caibideil |