गलातियों 3:3 - कुल्वी3 तुसै कि ऐतरै नासमझ हुऐ सी, कि पवित्र आत्मा री रीति न शुरू केरिया ऐबै कि शरीरा री रीति न खत्म केरना चाहा सी? Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 कै तम्हैं इहै नांसमझ़ निं आथी कि पबित्र आत्मां करै की तम्हैं आपणीं नऊंईं ज़िन्दगीए शुरूआत! तम्हैं कै ऐबै आपणीं शगती करै च़ाहा आपणीं ज़िन्दगी पूरी करनी? Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम3 कैहे तमे एडे निर्बुधि साहा, कि आत्मा शरीरा री रीति परेदे शुरू करी करे एबा शरीरा रीति में अन्त करणा? Faic an caibideil |