2 थिस्सलुनी 2:2 - कुल्वी2 तिन्हां लोका रै ज़रियै आसानी सैंघै परेशान या मता घबराँदै ज़ो ऐ दावा केरा सी कि प्रभु पैहलै न ही आऊ सा। ते बोली सका सी कि तिन्हैं सीधै पवित्र आत्मा न या कौसी होरा न या औखै तक कि तिन्हैं ऐ आसरी एक चिट्ठी न पौढ़ू सा। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 तम्हैं निं आपणीं सोठा दी धखी का झाखुई आथी या इहअ शूणीं करै कि प्रभू एछणें सह धैल़ी आसा एछी मुक्की दी। कई सका तम्हां लै इहअ समाद खोज़ी या बैण खोज़ी या च़िठी दैई कि अह आसा तम्हां लै हाम्हां बाखा आई दी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम2 कि कासु आत्मा, या बचन, या पत्री रे साबे जोह की मना माहारी तरफा का हो, यह समझी करे कि प्रभु री दिहाड़ इच्छी मुकी, थारा मन एकदम अस्थिर नांई होए; होर तमे नांई घबराए। Faic an caibideil |