1 तिमुतुस 1:5 - कुल्वी5 तुसाबै ऐण्ढै केरनै री तैंईंयैं मेरै बोलणै रा मकसद ऐ सा कि सैभ विश्वासी प्यारा सैंघै भौरना ज़ो च़ोखै मन, शोभलै विचार होर निष्कपट बशाह न एज़ा सा। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 मेरअ ताल्है इहअ करना लै बोल़णैंओ मकसद आसा इहअ कि तम्हैं विश्वासी करै एकी दुजै संघै भली सोर शुचै मनैं पूरै भरोस्सै डाही झ़ूरी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 आज्ञा रे निचोड़ यह साहा की शुद्ध मन होर शोभले मन, होर निष्कपट बुशाह संघा प्रेम पैदा हो। Faic an caibideil |