1 पतरस 2:11 - कुल्वी11 ओ प्यारो, हांऊँ तुसा हागै अर्ज़ा केरा सा, कि तुसै आपणै आपा बै औखै ऐसा दुनिया न परदेशी होर यात्री ज़ाणिया तेई दुनिया री इच्छा न ज़ो आत्मा सैंघै युद्ध केरा सी, बच़िया रौहा। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान11 मेरै पैरै भाईओ, हुंह करा तम्हां लै अरज़ तम्हैं सोठा एसा गल्ला, “तम्हैं आसा एऊ संसारै परदेसी” ज़सरअ असली घर स्वर्गै आसा, तम्हैं करनी तिन्नां पापी कामां का दूर रहणें कोशिश ज़ुंण थारै प्राण करनअ च़ाहा। नांईं ता तम्हैं निं परमेशरा नेल़ रही सकदै। (गलाती 5:24; 1 पतरस 4:2) Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम11 हे प्रियो हाऊं तमें संघा बिनती करा कि तमे आपणे आपा बे परदशी होर यात्री जाणी करे त्या संसारीिक शरीरा री अभिलाषा का जोह आत्मा संघा लडाई करा तेता का बची रहा। Faic an caibideil |