प्रकाशितवाक्य 9:17 - ईनर सराजी मे नया नियम17 होर महा एता रे दर्शना में त्याह रे एडे सबार हेरी थी ज़ासकी झिल्म आग होर गन्धका जेही, होर त्या घोडे रे शिंग शेरा रे मुड़ा जेहे थी होर त्या रे मुहा का आग होर गंधक होर धुँआ निखलद़दा थी। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान17 मुखा शुझुऐ घोल़ै और तिन्नें इहै शुंआर, तिन्नें हीकबंद तै आगी और धूम्रकांत, और गंधका ज़ेही लाल, और तिन्नें घोल़े मूंड तै शेरे मुंडा ज़िहै और तिन्नें खाखा का निखल़ा ती आग, गंधक और धूँ। Faic an caibideilकुल्वी17 होर मुँभै घोड़ै होर तिन्हरै सवार ऐण्ढै हेरुऐ ज़ौसरी कवच औगी सांही होर धूम्रकान्त होर गन्धका सांही ती। तिन्हां घोड़ै री मुँडी शेरै री मुँडी सांही ती होर तिन्हरै मुँहा न औग, धुँआ होर गन्धक निकल़ा ती। Faic an caibideil |