प्रकाशितवाक्य 6:5 - ईनर सराजी मे नया नियम5 होर जेबा तेऊए चिउंणी मोहर खोली, तेबा मांई चिहूणे प्राणी बे यह बोलदअ शूणू, ईच्छ होर मांई आपणी आछी रे सामने एक काले रागा रअ घोड़अ हेरु होर जोह तेऊ पेन्दे वैठदअ हेरू तेऊरे हाथ एक तराकडी हेरी। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 ज़ांऊं तेऊ चिऊथी मोहर खोल्ही, ता मंऐं शूणअ चिऊथअ प्राणीं इहअ बोलदअ, “एछ!” और मुखा शुझुअ तिधी एक काल़अ घोल़अ निखल़अ बागै और तेता प्रैंदै शुंआरा का आसा एक तराकल़। (जकर्याह 6:2-3,6) Faic an caibideilकुल्वी5 होर ज़ैबै तेइयै त्रीजी मोहर खोली ता मैं त्रीजा प्राणी ऐण्ढा बोलदै शुणू कि, “एज़।” होर तैबै मैं एक काल़ै रँगा रा घोड़ा निकता हेरू; होर तेइरै हौथा न एक त्राकड़ी ती। Faic an caibideil |