प्रकाशितवाक्य 3:5 - ईनर सराजी मे नया नियम5 जोह जय पाए त्याह वै एउ सावै शेते झिकड़े बनणे वै दीणे, होर महा त्याहरे ना जीबना री कताबा का केऊ भी सावै नांई काटणे पर तेऊरे ना आपणे बापू, होर स्वर्गदूता रे सामने मनणे। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 ज़ुंण ज़िते तेऊ लै बन्हैऊंणैं इहै ई करै शेतै झिकल़ै, और तेऊओ नांओं निं हुंह ज़िन्दगीए कताबा का काटदअ। पर तेऊओ नांओं बोल़णअ मुंह आपणैं बाप्पू और आपणैं स्वर्ग दूता सम्हनै। (प्रगट की दी गल्ला 21:27) Faic an caibideilकुल्वी5 ज़ुण जय पाला तेइरै ऐसा रीतियै शेतै झिकड़ै लाणै होर मूँ तेइरा नाँ ज़िन्दगी री कताबा न कौसी भी रीतियै नी काटणा, बल्कि तेइरा नाँ आपणै पिता होर तेइरै स्वर्गदूता सामनै मनणा। Faic an caibideil |