प्रकाशितवाक्य 18:19 - ईनर सराजी मे नया नियम19 होर आपणे-आपणे मुंडा पेन्दे धूड़ा पाऊणा, होर लेरदे होर शोक ज़ोरे -ज़ोरे बोलणा हाय! हाय! यह बड़अ नगर ज़ासकी सम्पति का समुन्दरा री सारी जहाजा आले सभे सेठ होई थी, एकसा घडी सवै साहा ख़तम होऊ। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान19 “तेखअ पाणअ आपणैं-आपणैं मुंडै तिन्नां माटअ कि तिंयां आसा दुखी और लेरदी चाछल़दी बोल़णअ तिन्नां लेरदी-लेरदी करै इहअ, “‘भाल़ केही खरी पल़ी! बडी नगरी लै भाल़ केही खरी पल़ी! “‘ज़सरी धन-माया करै सोभ समुंदरै ज़हाज़ा आल़ै सेठ हुऐ और सह हुअ घल़ी-पला भितरी बरैबाद।’ (यजकेल 27:30) Faic an caibideilकुल्वी19 होर आपणा दुःख रिहाणै री तैंईंयैं आपणी-आपणी मुँडी न धूड़ा पाणा होर रोंदै-रोंदै होर शोक केरिया चिलाइया बोलणा कि, “हाय! हाय! ऐ बड़ा नगर, ज़ुणी री सम्पति री बजहा न समुद्रै रै सारै ज़हाजा आल़ै धनवान हुऐ ती, घड़ी भरा न उजड़ू।” Faic an caibideil |