प्रकाशितवाक्य 18:16 - ईनर सराजी मे नया नियम16 हाय! हाय! यह बड़अ नगर जोह मखमल होर बैजणी, होर लाला रांगा रे झिकड़े बान्हीं दे थी, होर सुने होर रत्न होर मोतियो संघे सजू दअ थी। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान16 ‘भाल़ केही खरी पल़ी! बडी नगरी लै भाल़ केही खरी पल़ी! ज़ुंण मलमले और बैंज़णीं और लाल झिकल़ै बान्हीं रहा ती, सुन्नैं, रत्न और मोती करै ती सज़ी दी, Faic an caibideilकुल्वी16 “हाय! हाय! ऐ बड़ा नगर ज़ो मलमल, बैंजनी, होर लाल झिकड़ै लाइया ती, होर सुनै, रत्न होर मोतियै लाइया सज़ू ती, Faic an caibideil |