प्रकाशितवाक्य 18:14 - ईनर सराजी मे नया नियम14 एवा तेरे प्यारे फल ताह सेटा कअ नाहदे रहे; होर शोभले होर भडकाऊण आली चिजा कअ मन दूर होई होर ताह कधी भी नांई भेटणी। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान14 ‘ऐबै तेरै भाऊंणै आल़ै फल़ बी नाठै, और बधिया और शोभली च़िज़ा बी हुई ताखा दूर, तिंयां निं भी कधि भेटणीं।’ Faic an caibideilकुल्वी14 “व्यापारीयै तेइबै बोलणा तेरै मना बै शोभलै लागणु आल़ै फ़ौल़ तौ हागै न ज़ाँदै रौहै होर सुख-विलास होर वैभव री चीज़ा तौ न दूर हुई सी होर तिन्हां तौभै कैधी भी नी मिलणा। Faic an caibideil |