लुका 16:3 - ईनर सराजी मे नया नियम3 तेबा भण्डारी सोचदअ लागअ; कि तेबा हाऊं कैह करू? किबेकि मेरे मालका महा का एबा भंडारी रा काम पोरी मागना तेबा हाऊ माटे कोतणे बे सामर्थ्य नांई, होर भीखा मांगणे का महा शर्म इहंदा। Faic an caibideilबाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 “तेखअ लागअ सह भढारी इहअ सोठदअ, ‘ऐबै हुंह कै करूं? किल्हैकि मेरै मालकै लाअ हुंह ऐबै नोकरी का पोर्ही काढी, नां ता हुंह खेचै कदाल़ च़की सकदअ और भिख निं मांगी सकदअ तेते हणीं लोगा का शरम?’ Faic an caibideilकुल्वी3 “तैबै सौ मुन्शी सोच़दा लागा, ‘ऐबै हांऊँ कि केरनु? किबैकि मेरै मालका हांऊँ मुन्शी रै कोमा न खोलणा लाऊ सा होर मूँ न ऐतरी ताकत नी ऑथि कि हांऊँ खाच़ कोती सकनू। होर भीख मुँगणै न ता मुँभै शर्म लागा सा। Faic an caibideil |