सफ़नियाह 3:3 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20193 उसके उमरा उसमें गरजने वाले बबर हैं; उसके क़ाज़ी भेड़िये हैं जो शाम को निकलते हैं, और सुबह तक कुछ नहीं छोड़ते। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस3 जो बुज़ुर्ग उसके बीच में हैं वह दहाड़ते हुए शेरबबर हैं। उसके क़ाज़ी शाम के वक़्त भूके फिरनेवाले भेड़ीए हैं जो तुलूए-सुबह तक शिकार की एक हड्डी तक नहीं छोड़ते। Faic an caibideil |