रुत 3:1 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20191 फिर उसकी सास न'ओमी ने उससे कहा, “मेरी बेटी क्या मैं तेरे आराम की तालिब न बनूँ, जिससे तेरी भलाई हो? Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस1 एक दिन नओमी रूत से मुख़ातिब हुई, “बेटी, मैं आपके लिए घर का बंदोबस्त करना चाहती हूँ, ऐसी जगह जहाँ आपकी ज़रूरियात आइंदा भी पूरी होती रहेंगी। Faic an caibideil |