मुकाशफ़ा 7:12 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 201912 कहा, आमीन! तारीफ़ और बड़ाई और हिक्मत और शुक्र और 'इज़्ज़त और क़ुदरत और ताक़त हमेशा से हमेशा हमारे ख़ुदा की हो! आमीन। Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा12 कहा, “आमीन! हम्द और जलाल और हिक्मत और शुक्र और इज़्ज़त और क़ुदरत और ताक़त हमारे ख़ुदा की अब्दुल-आबाद होती रहे। आमीन!” Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस12 और कहा, “आमीन! हमारे ख़ुदा की अज़ल से अबद तक सताइश, जलाल, हिकमत, शुक्रगुज़ारी, इज़्ज़त, क़ुदरत और ताक़त हासिल रहे। आमीन!” Faic an caibideil |
ख़ुशी और शादमानी की आवाज़, दुल्हे और दुल्हन की आवाज़, और उनकी आवाज़ सुनी जाएगी जो कहते हैं, 'रब्ब — उल — अफ़वाज की सिताइश करो क्यूँकि ख़ुदावन्द भला है और उसकी शफ़क़कत हमेशा की है! हाँ, उनकी आवाज़ जो ख़ुदावन्द के घर में शुक्रगुजारी की क़ुर्बानी लायेंगे क्यूँकि ख़ुदावन्द फ़रमाता है, मैं इस मुल्क के ग़ुलामों को वापस लाकर बहाल करूँगा।