मुकाशफ़ा 7:1 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20191 इसके बाद मैंने ज़मीन के चारों कोनों पर चार फ़रिश्ते खड़े देखे। वो ज़मीन की चारों हवाओं को थामे हुए थे, ताकि ज़मीन या समुन्दर या किसी दरख़्त पर हवा न चले। Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा1 इस के बाद मैंने देखा के ज़मीन के चारों कोनों पर चार फ़रिश्ते खड़े हैं। वह ज़मीन की चारों हवाओं को थामे हुए थे ताके ज़मीन या समुन्दर या किसी दरख़्त पर हुआ न चले। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस1 इसके बाद मैंने चार फ़रिश्तों को ज़मीन के चार कोनों पर खड़े देखा। वह ज़मीन की चार हवाओं को चलने से रोक रहे थे ताकि न ज़मीन पर, न समुंदर या किसी दरख़्त पर कोई हवा चले। Faic an caibideil |