मुकाशफ़ा 5:3 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20193 और कोई शख़्स, आसमान पर या ज़मीन के नीचे, उस किताब को खोलने या उस पर नज़र करने के काबिल न निकला। Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा3 मगर आसमान या ज़मीन पर या ज़मीन के नीचे कोई शख़्स उस किताब को खोलने और उस पर नज़र डालने के क़ाबिल न था। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस3 लेकिन न आसमान पर, न ज़मीन पर और न ज़मीन के नीचे कोई था जो तूमार को खोलकर उसमें नज़र डाल सकता। Faic an caibideil |