मुकाशफ़ा 5:2 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20192 फिर मैंने एक ताक़तवर फ़रिश्ते को ऊँची आवाज़ से ये ऐलान करते देखा, “कौन इस किताब को खोलने और इसकी मुहरें तोड़ने के लायक़ है?” Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा2 फिर मैंने एक क़वी फ़रिश्ते को देखा जो बुलन्द आवाज़ से ये एलान कर रहा था, “कौन इस किताब को खोलने और इस की मुहरें तोड़ने के लाइक़ है?” Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस2 और मैंने एक ताक़तवर फ़रिश्ता देखा जिसने ऊँची आवाज़ से एलान किया, “कौन मुहरों को तोड़कर तूमार को खोलने के लायक़ है?” Faic an caibideil |