मुकाशफ़ा 5:1 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20191 जो तख़्त पर बैठा था, मैंने उसके दहने हाथ में एक किताब देखी जो अन्दर से और बाहर से लिखी हुई थी, और उसे सात मुहरें लगाकर बन्द किया गया था Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा1 फिर मैंने उस तख़्त-नशीन के दाहने हाथ में एक किताब देखी जो अन्दर और बाहर दोनों तरफ़ से लिख्खी हुई थी और उसे सात मुहरें लगा कर बन्द किया गया था। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस1 फिर मैंने तख़्त पर बैठनेवाले के दहने हाथ में एक तूमार देखा जिस पर दोनों तरफ़ लिखा हुआ था और जिस पर सात मुहरें लगी थीं। Faic an caibideil |