मुकाशफ़ा 4:9 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20199 और जब वो जानदार उसकी बड़ाई — ओ — 'इज़्ज़त और तम्जीद करेंगे, जो तख़्त पर बैठा है और हमेशा से हमेशा ज़िन्दा रहेगा; Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा9 और जब वो जानदार मख़्लूक़ उस की हम्द-ओ-सिताइश, ताज़ीम और शुक्र गुज़ारी करते हैं जो तख़्त-नशीन है और जो अब्दुल-आबाद ज़िन्दा रहेगा Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस9 यों यह जानदार उस की तमजीद, इज़्ज़त और शुक्र करते हैं जो तख़्त पर बैठा है और अबद तक ज़िंदा है। जब भी वह यह करते हैं Faic an caibideil |