मुकाशफ़ा 3:5 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20195 जो ग़ालिब आए उसे इसी तरह सफ़ेद पोशाक पहनाई जाएगी, और मैं उसका नाम किताब — ए — हयात से हरगिज़ न काटूँगा, बल्कि अपने बाप और उसके फ़रिश्तों के सामने उसके नाम का इक़रार करूँगा। Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा5 जो ग़ालिब आये उसे इसी तरह सफ़ैद लिबास पहनाई जायेगी और मैं उस का नाम किताब-ए-हयात से हरगिज़ ख़ारिज न करूंगा बल्के अपने बाप और उस के फ़रिश्तों के सामने उस के नाम का इक़रार करूंगा। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस5 जो ग़ालिब आएगा वह भी उनकी तरह सफ़ेद कपड़े पहने हुए फिरेगा। मैं उसका नाम किताबे-हयात से नहीं मिटाऊँगा बल्कि अपने बाप और उसके फ़रिश्तों के सामने इक़रार करूँगा कि यह मेरा है। Faic an caibideil |