मुकाशफ़ा 3:12 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 201912 जो ग़ालिब आए, मैं उसे अपने ख़ुदा के मक़्दिस में एक सुतून बनाऊँगा। वो फिर कभी बाहर न निकलेगा, और मैं अपने ख़ुदा का नाम और अपने ख़ुदा के शहर, या'नी उस नए येरूशलेम का नाम जो मेरे ख़ुदा के पास से आसमान से उतरने वाला है, और अपना नया नाम उस पर लिखूँगा। Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा12 जो ग़ालिब आये, मैं उसे अपने ख़ुदा की बैतुलमुक़द्दस में एक सुतून बनाऊंगा। वो फिर वहां से कभी बाहर न निकलेगा और मैं उस पर अपने ख़ुदा का नाम और अपने ख़ुदा के शहर का नाम यानी नए यरूशलेम का नाम लिखूंगा जो मेरे ख़ुदा की जानिब से आसमान से उतरने वाला है और मैं उस पर अपना नया नाम भी तहरीर करूंगा Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस12 जो ग़ालिब आएगा उसे मैं अपने ख़ुदा के घर में सतून बनाऊँगा, ऐसा सतून जो उसे कभी नहीं छोड़ेगा। मैं उस पर अपने ख़ुदा का नाम और अपने ख़ुदा के शहर का नाम लिख दूँगा, उस नए यरूशलम का नाम जो मेरे ख़ुदा के हाँ से उतरनेवाला है। हाँ, मैं उस पर अपना नया नाम भी लिख दूँगा। Faic an caibideil |