मुकाशफ़ा 22:1 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20191 फिर उसने मुझे बिल्लौर की तरह चमकता हुआ आब — ए — हयात का एक दरिया दिखाया, जो ख़ुदा और बर्रे के तख़्त से निकल कर उस शहर की सड़क के बीच में बहता था। Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा1 फिर उस फ़रिश्ते ने मुझे आबे-हयात का एक दरिया दिखाया, जो बिल्लौर की मानिन्द शफ़्फ़ाफ़ था, जो ख़ुदा और बर्रे के तख़्त से निकल कर बहता था। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस1 फिर फ़रिश्ते ने मुझे ज़िंदगी के पानी का दरिया दिखाया। वह बिल्लौर जैसा साफ़-शफ़्फ़ाफ़ था और अल्लाह और लेले के तख़्त से निकल कर Faic an caibideil |