मुकाशफ़ा 21:2 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20192 फिर मैंने शहर — ए — मुक़द्दस नए येरूशलेम को आसमान पर से ख़ुदा के पास से उतरते देखा, और वो उस दुल्हन की तरह सजा था जिसने अपने शौहर के लिए सिंगार किया हो। Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा2 फिर मैंने शहर मुक़द्दस यानी नए यरूशलेम को ख़ुदा के पास से आसमान से उतरते देखा जो उस दुल्हन की मानिन्द आरास्ता था जिस ने अपने शौहर के लिये सिंगार किया हो। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस2 मैंने नए यरूशलम को भी देखा। यह मुक़द्दस शहर दुलहन की सूरत में अल्लाह के पास से आसमान पर से उतर रहा था। और यह दुलहन अपने दूल्हे के लिए तैयार और सजी हुई थी। Faic an caibideil |