मुकाशफ़ा 20:1 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20191 फिर मैंने एक फ़रिश्ते को आसमान से उतरते देखा, जिसके हाथ में अथाह गड्ढे की कुंजी और एक बड़ी ज़ंजीर थी। Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा1 फिर मैंने एक फ़रिश्ते को आसमान से उतरते देखा। उस के पास अथाह गढ़े की कुन्जी थी और वो हाथ में एक बड़ी ज़न्जीर लिये हुए था। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस1 फिर मैंने एक फ़रिश्ता देखा जो आसमान से उतर रहा था। उसके हाथ में अथाह गढ़े की चाबी और एक भारी ज़ंजीर थी। Faic an caibideil |