मुकाशफ़ा 16:4 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20194 तीसरे ने अपना प्याला दरियाओं और पानी के चश्मों पर उल्टा और वो ख़ून बन गया। Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा4 फिर तीसरे फ़रिश्ता ने अपना प्याला दर्याओं और पानी के चश्मों पर उंडेल दिया और उन का पानी भी ख़ून बन गया। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस4 तीसरे फ़रिश्ते ने अपना प्याला दरियाओं और पानी के चश्मों पर उंडेल दिया तो उनका पानी ख़ून बन गया। Faic an caibideil |
फ़िर किस लिए, जब मैं आया तो कोई आदमी न था? और जब मैंने पुकारा, तो कोई जवाब देनेवाला न हुआ? क्या मेरा हाथ ऐसा कोताह हो गया है कि छुड़ा नहीं सकता? और क्या मुझ में नजात देने की क़ुदरत नहीं? देखो, मैं अपनी एक धमकी से समन्दर को सुखा देता हूँ, और नहरों को सहरा कर डालता हूँ, उनमें की मछलियाँ पानी के न होने से बदबू हो जाती हैं और प्यास से मर जाती हैं।