मुकाशफ़ा 14:3 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20193 वो तख़्त के सामने और चारों जानदारों और बुज़ुर्गों के आगे गोया एक नया गीत गा रहे थे; और उन एक लाख चवालीस हज़ार शख़्सों के सिवा जो दुनियाँ में से ख़रीद लिए गए थे, कोई उस गीत को न सीख सका। Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा3 वो तख़्त-ए-इलाही के सामने और चारों जानदारों और बुज़ुर्गों के आगे एक नया नग़मा गा रहे थे और उन एक लाख चवालीस हज़ार अफ़राद के सिवा जो दुनिया में से ख़रीद लिये गये थे कोई और उस नग़मे को न सीख सका। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस3 यह 1,44,000 अफ़राद तख़्त, चार जानदारों और बुज़ुर्गों के सामने खड़े एक नया गीत गा रहे थे, एक ऐसा गीत जो सिर्फ़ वही सीख सके जिन्हें लेले ने ज़मीन से ख़रीद लिया था। Faic an caibideil |