ज़बूर 127:5 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20195 ख़ुश नसीब है वह आदमी जिसका तरकश उनसे भरा है। जब वह अपने दुश्मनों से फाटक पर बातें करेंगे तो शर्मिन्दा न होंगे। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस5 मुबारक है वह आदमी जिसका तरकश उनसे भरा है। जब वह शहर के दरवाज़े पर अपने दुश्मनों से झगड़ेगा तो शरमिंदा नहीं होगा। Faic an caibideil |