ज़बूर 127:2 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20192 तुम्हारे लिए सवेरे उठना और देर में आराम करना, और मशक़्क़त की रोटी खाना 'बेकार है; क्यूँकि वह अपने महबूब को तो नींद ही में दे देता है। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस2 यह भी अबस है कि तुम सुबह-सवेरे उठो और पूरे दिन मेहनत-मशक़्क़त के साथ रोज़ी कमाकर रात गए सो जाओ। क्योंकि जो अल्लाह को प्यारे हैं उन्हें वह उनकी ज़रूरियात उनके सोते में पूरी कर देता है। Faic an caibideil |