ज़बूर 127:1 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20191 अगर ख़ुदावन्द ही घर न बनाए, तो बनाने वालों की मेहनत' बेकार है। अगर ख़ुदावन्द ही शहर की हिफ़ाज़त न करे, तो निगहबान का जागना 'बेकार है। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस1 सुलेमान का ज़ियारत का गीत। अगर रब घर को तामीर न करे तो उस पर काम करनेवालों की मेहनत अबस है। अगर रब शहर की पहरादारी न करे तो इनसानी पहरेदारों की निगहबानी अबस है। Faic an caibideil |