फ़िलिप्पियों 1:20 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 201920 चुनाँचे मेरी दिली आरज़ू और उम्मीद यही है कि, मैं किसी बात में शर्मिन्दा न हूँ बल्कि मेरी कमाल दिलेरी के ज़रिए जिस तरह मसीह की ताज़ीम मेरे बदन की वजह से हमेशा होती रही है उसी तरह अब भी होगी, चाहे मैं ज़िंदा रहूँ चाहे मरूँ। Faic an caibideilउर्दू हमअस्र तरजुमा20 मेरी दिली ख़ाहिश और उम्मीद यह है के मुझे किसी बात में भी शर्मिन्दगी का मुंह न देखना पड़े, बल्के जैसे मैं बड़ी दिलेरी से जिस्म से हमेशा अलमसीह का जलाल ज़ाहिर करता रहा हूं वैसे ही करता रहूंगा, ख़्वाह मैं ज़िन्दा रहूं या मर जाऊं। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस20 हाँ, यह मेरी पूरी तवक़्क़ो और उम्मीद है। मैं यह भी जानता हूँ कि मुझे किसी भी बात में शरमिंदा नहीं किया जाएगा बल्कि जैसा माज़ी में हमेशा हुआ अब भी मुझे बड़ी दिलेरी से मसीह को जलाल देने का फ़ज़ल मिलेगा, ख़ाह मैं ज़िंदा रहूँ या मर जाऊँ। Faic an caibideil |