गिनती 28:8 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019
8 और दूसरे बर्रे को शाम के वक़्त चढ़ाना, और उसके साथ भी सुबह की तरह वैसी ही नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हो, ताकि यह ख़ुदावन्द के सामने राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी ठहरे।
लेकिन वह अंतड़ियों और पायों को पानी से धो ले। तब काहिन सबको लेकर मज़बह पर जला दे, वह सोख़्तनी क़ुर्बानी या'नी ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ूशबू की आतिशी क़ुर्बानी है।
और वह उसके दोनों बाज़ुओं को पकड़ कर उसे चीरे पर अलग — अलग न करे। तब काहिन उसे मज़बह पर उन लकड़ियों के ऊपर रख कर जो आग पर होंगी जला दे, वह सोख़्तनी क़ुर्बानी या'नी ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी है।
लेकिन वह उसकी अंतड़ियों और पायों को पानी से धो ले, तब काहिन सबको मज़बह पर जलाए कि वह सोख़्तनी क़ुर्बानी या'नी ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी हों।
'और सबत के दिन दो बे — 'ऐब यकसाला नर बर्रे और नज़्र की क़ुर्बानी के तौर पर ऐफ़ा के पाँचवें हिस्से के बराबर मैदा, जिसमें तेल मिला हो, तपावन के साथ पेश करना।