और शाम की क़ुर्बानी पेश करने के वक़्त एलियाह नबी नज़दीक आया और उसने कहा “ऐ ख़ुदावन्द अब्रहाम और इज़्हाक़ और इस्राईल के ख़ुदा! आज मा'लूम हो जाए कि इस्राईल में तू ही ख़ुदा है, और मैं तेरा बन्दा हूँ, और मैंने इन सब बातों को तेरे ही हुक्म से किया है।
कि वह ख़ुदावन्द की शरी'अत की सब लिखी हुई बातों के मुताबिक़ जो उसने इस्राईल को फ़रमाई, हर सुबह और शाम सोख़्तनी क़ुर्बानी के मज़बह पर ख़ुदावन्द के लिए सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ पेश कीं।
हाँ, मैं दुआ में यह कह ही रहा था कि वही शख़्स जिबराईल जिसे मैने शुरू' में रोया में देखा था, हुक्म के मुताबिक़ तेज़ परवाज़ी करता हुआ आया, और शाम की क़ुर्बानी पेश करने के वक़्त के क़रीब मुझे छुआ।
ऐ काहिनो, कमरें कस कर मातम करो, ऐ मज़बह पर ख़िदमत करने वालो, वावैला करो। ऐ मेरे ख़ुदा के ख़ादिमों, आओ रात भर टाट ओढ़ो! क्यूँकि नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन तुम्हारे ख़ुदा के घर से मौक़ूफ़ हो गए।
तू उन से कह दे कि जो आतिशी क़ुर्बानी तुम को ख़ुदावन्द के सामने पेश करना है वह यह है: कि दो बे — 'ऐब यक — साला नर बर्रे हर दिन दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए 'अदा करो।