22 फिर बिनयमीन का क़बीला हो, और जिद'औनी का बेटा अबिदान बनी बिनयमीन का सरदार हो;
22 तीसरे, बिनयमीन का क़बीला जिसका कमाँडर अबिदान बिन जिदौनी था,
वहाँ छोटा बिनयमीन उनका हाकिम है, यहूदाह के उमरा और उनके मुशीर, ज़बूलून के उमरा और नफ़्ताली के उमरा हैं।
बिनयमीन के क़बीले से अबिदान बिन जिदा'ऊनी
और बिनयमीन के क़बीले के लश्कर का सरदार जिद'औनी का बेटा अबिदान था।
उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे बत्तीस हज़ार दो सौ थे।
और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे वह पैंतीस हज़ार चार सौ थे।
और नवें दिन जिद'औनी के बेटे अबिदान ने जो बिनयमीन के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह जिद'औनी के बेटे अबिदान का हदिया था।