14 फिर जद्द का क़बीला हो, और र'ऊएल का बेटा इलियासफ़ बनी जद्द का सरदार हो;
14 तीसरे, जद का क़बीला जिसका कमाँडर इलियासफ़ बिन दऊएल था,
जद्द के क़बीले से इलियासफ़ बिन द'ऊएल,
और जद्द के क़बीले के लश्कर का सरदार द'ऊएल का बेटा इलियासफ़ था।
और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे वह उनसठ हज़ार तीन सौ थे।
और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे वह पैन्तालीस हज़ार छ: सौ पचास थे।
और छटे दिन द'ऊएल के बेटे इलियासफ़ ने जो जद्द के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह द'ऊएल के बेटे इलियासफ़ का हदिया था।