और दाऊद ने अपनी आँखें उठा कर आसमान — ओ — ज़मीन के बीच ख़ुदावन्द के फ़रिश्ते को खड़े देखा, और उसके हाथ में नंगी तलवार थी जो येरूशलेम पर बढ़ाई हुई थी; तब दाऊद और बुज़ुर्ग टाट ओढ़े हुए मुँह के गिरे सिज्दा किया।
और जब वह उनको क़त्ल कर रहे थे और मैं बच रहा था, तो यूँ हुआ कि मैं मुँह के बल गिरा और चिल्ला कर कहा, आह! ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, क्या तू अपना क़हर — ए — शदीद येरूशलेम पर नाज़िल कर के इस्राईल के सब बाक़ी लोगों को हलाक करेगा?
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “हारून की लाठी शहादत के सन्दूक़ के आगे धर दे, ताकि वह फ़ित्नाअंगेज़ों के लिए एक निशान के तौर पर रख्खी रहे, और इस तरह तू उनकी शिकायतें जो मेरे ख़िलाफ़ होती रहती हैं बन्द कर दे ताकि वह हलाक न हों।”
फिर ज़रा आगे बढ़ा और मुँह के बल गिर कर यूँ दुआ की, “ऐ मेरे बाप, अगर हो सके तो ये दुःख का प्याला मुझ से टल जाए, तोभी न जैसा मैं चाहता हूँ; बल्कि जैसा तू चाहता है वैसा ही हो।”
उस ने कहा, “नहीं! बल्कि मैं इस वक़्त ख़ुदावन्द के लश्कर का सरदार हो कर आया हूँ।” तब यशू'अ ने ज़मीन पर सरनगूँ हो कर सिज्दा किया और उससे कहा, “मेरे मालिक का अपने ख़ादिम से क्या इरशाद है?”
तो वो चौबीस बुज़ुर्ग उसके सामने जो तख़्त पर बैठा है गिर पड़ेंगे और उसको सिज्दा करेंगे, जो हमेशा हमेशा ज़िन्दा रहेगा और अपने ताज ये कहते हुए उस तख़्त के सामने डाल देंगे,