20 और जद्द के क़बीले के लश्कर का सरदार द'ऊएल का बेटा इलियासफ़ था।
20 जद का क़बीला भी साथ चला जिसका कमाँडर इलियासफ़ बिन दऊएल था।
जद्द के क़बीले से इलियासफ़ बिन द'ऊएल,
और शमौन के क़बीले के लश्कर का सरदार सूरीशद्दी का बेटा सलूमीएल था।
फिर क़िहातियों ने जो हैकल को उठाते थे रवानगी की, और उनके पहुँचने तक घर खड़ा कर दिया जाता था।
फिर जद्द का क़बीला हो, और र'ऊएल का बेटा इलियासफ़ बनी जद्द का सरदार हो;
और छटे दिन द'ऊएल के बेटे इलियासफ़ ने जो जद्द के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।