12 दान के क़बीले से अख़ी'अज़र बिन 'अम्मीशद्दी,
12 दान के क़बीले से अख़ियज़र बिन अम्मीशद्दी,
बिनयमीन के क़बीले से अबिदान बिन जिदा'ऊनी
आशर के क़बीले से फ़ज'ईएल बिन 'अकरान,
और बनी दान के लश्कर का झंडा उनके सब लश्करों के पीछे — पीछे रवाना हुआ और वह अपने दलों के मुताबिक़ चले, उनके लश्कर का सरदार 'अम्मीशद्दी का बेटा अख़ी'अज़र था।
'और शिमाल की तरफ़ अपने दलों के मुताबिक़ दान की छावनी के झंडे के लोग हों और 'अम्मीशद्दी का बेटा अख़ी'अज़र बनी दान का सरदार हो;
और दसवें दिन 'अम्मीशद्दी के बेटे अख़ी'अज़र ने जो दान के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।